देश में चीनी की उपलब्धता घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है

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देश में चीनी की उपलब्धता घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है 

New Delhi: चीनी सीजन 2021-22 की शुरुआत में करीब 85 लाख मीट्रिक टन चीनी का स्टॉक था। लगभग 95 लाख मीट्रिक टन के संभावित निर्यात के बाद भी, सितंबर 2022 के अंत में चालू चीनी सीजन के लिए चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 60 लाख मीट्रिक टन से अधिक होने की संभावना है। देश में चीनी की उपलब्धता घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

चालू चीनी सीजन 2021-22 में चीनी का उत्पादन पिछले चीनी सीजन की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है। संशोधित अनुमानों के अनुसार वर्तमान चीनी सीजन 2021-22 में चीनी का उत्पादन लगभग 278 एलएमटी की अनुमानित घरेलू खपत के मुकाबले लगभग 350 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) (इथेनॉल के लिए 35 एलएमटी चीनी छांट लेने के बाद) होने का अनुमान है। चीनी सीजन 2021-22 की शुरुआत में करीब 85 लाख मीट्रिक टन चीनी का स्टॉक था।

लगभग 95 लाख मीट्रिक टन के संभावित निर्यात के बाद भी, सितंबर 2022 के अंत में चालू चीनी सीजन के लिए चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 60 लाख मीट्रिक टन से अधिक होने की संभावना है। देश में चीनी की उपलब्धता घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। ऐसे में चीनी की आसानी से उपलब्धता होगी और घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों के उचित स्तर पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

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इस बारे में सचिव (खाद्य एवं जन वितरण-एफएंडपीडी), केंद्र सरकार की अध्यक्षता में राज्य के प्रधान सचिवों (चीनी) और राज्य सरकारों के गन्ना आयुक्तों/निदेशकों (चीनी) के साथ आज यहां एक वर्चुअल बैठक हुई जिसमें चीनी सीजन 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने की खेती के रकबे का आकलन करने, गन्ना और चीनी उत्पादन के साथ-साथ चीनी के निर्यात और इथेनॉल के उत्पादन के लिए जरूरी चीनी छांट कर अलग रखने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई।

सरकार चीनी मिलों को अतिरिक्त गन्ने को पेट्रोल के साथ मिलाकर मिश्रित इथेनॉल बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह न केवल हरित ईंधन के रूप में काम करेगा बल्कि कच्चे तेल के आयात में कमी के रूप में विदेशी मुद्रा की बचत भी करेगा। पिछले 3 चीनी सीजन 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में लगभग 3.37 एलएमटी, 9.26 एलएमटी और 22 एलएमटी चीनी को इथेनॉल में बदल दिया गया है। वर्तमान चीनी सीजन 2021-22 में, लगभग 35 एलएमटी चीनी को इथेनॉल के लिए डायवर्ट किए जाने का अनुमान है और 2024-25 तक लगभग 60 एलएमटी चीनी को इथेनॉल में बदलने का लक्ष्य है। इससे अतिरिक्त गन्ने की समस्या के साथ-साथ देर से होने वाले भुगतान का समाधान निकलेगा और किसानों को समय पर भुगतान मिल सकेगा।

इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 (दिसंबर-नवंबर) से ईएसवाई 2020-21 तक, चीनी मिलों / डिस्टिलरी ने तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को इथेनॉल की बिक्री से लगभग 53,000 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न किया है। वर्तमान ईएसवाई 2021-22 में, चीनी मिलों द्वारा ओएमसी को इथेनॉल की बिक्री से ​​18,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है।

पिछले चीनी सीजन 2020-21 में, 92,938 करोड़ रुपये के गन्ना बकाया में से किसानों को 18.4.2022 तक लगभग 92,480 करोड़ रुपये गन्ना बकाया का भुगतान किया गया है। इस प्रकार, पिछले चीनी सीजन का 99.5 प्रतिशत गन्ना बकाये का भुगतान कर दिया गया है। चालू चीनी सीजन 2021-22 में, 91,468 करोड़ रुपये के कुल गन्ना बकाया में से किसानों को 18.4.2022 तक लगभग 74,149 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है जो कि 80 प्रतिशत से अधिक है। उम्मीद है कि चालू चीनी सीजन में चीनी मिलें किसानों को 1,00,000 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान करेंगी। गन्ने के निर्यात में वृद्धि और गन्ने से एथेनॉल बनाए जाने की वजह से किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान होने में तेजी आई है।

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RK Boro

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